बिलासपुर/छत्तीसगढ़
तहसीलदार “अतुल वैष्णव”
महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती के लिए आवेदन मंगाए गए थे, लेकिन जो आवेदन के साथ निवास जाति और आमदनी प्रमाण पत्र मैनुअल जारी हुए हैं वह फर्जी है,मंगलवार को आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी,जाँच करने पे पता चला कि तहसीलदार अतुल वैष्णव का फर्जी सील व सिग्नेचर कर मैनुअल जाति निवास और आमदनी जारी किए जा रहे हैं, और यह काम कोई और नहीं तहसील कार्यालय में सक्रिय दलाल कर रहे हैं, जाँच में यह प्रमाणपत्र साधना अहिरवार और गायत्री खरे के नाम पर जारी हुए थे,इसकी सत्यता की जांच में तहसीलदार अतुल वैष्णव ने उन प्रमाणपत्रों को फर्जी बताते हुए थाने में शिकायत करने की बात कही। ऊर्जावान तहसीलदार अतुल वैष्णव ने कहा है कि उनके कार्यकाल में इस तरह के फर्जी कार्य करने वाले दलाल सतर्क हो जाये अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं ऐसे फर्जी सील साइन वाले प्रमाण पत्र
सितंबर 2022 को नगर निगम में मोर जमीन मोर आवास के नाम पर आवेदन लिए गए थे. उसमें भी करीब 1500 से अधिक आवेदनों में तहसीलदार के फर्जी सील व हस्ताक्षर वाले जाति निवास व आमदनी जमा हुए थे,इसे संज्ञान में लेते हुए तहसीलदार अतुल वैष्णव ने निगम आयुक्त को पत्र जारी कर ऐसे आवेदन की जांच की मांग किया था।
पहले से ही तहसील कार्यालय में सक्रिय है दलाल पर किनके दम पे?
दरासल राजस्व विभाग में दलाल हर जगह सक्रिय है या फिर ये बोल दीजिये की कई काम तो उनके बिना सहयोग लिए आप करवा भी नही सकते।
कलेक्टरेट में मिशल विभाग के पास भी कई दलाल सक्रिय है जो लोगो को काम करने के नाम पे पैसे लेते है, या फिर तहसील में अधिकार अभिलेख शाखा में तो दलाल आपको अंदर बैठे भी मिलेंगे इन्हें अंदर बैठने की अनुमति कौन देता है। चूंकि अनुभागीय अधिकारी और तहसीलदार के पास पर्याप्त कार्य होता है इस कारण शायद वो इस ओर ध्यान नही दे पाते पर अगर अधिकारी थोड़े सख्त हो जाये तो इस तरह की गलतियों पे कुछ हद तक नकेल कसा जा सकता है।