आर.आई को एसीबी में ट्रेप कराने वाला सरकारी शिक्षक खुद नियमो को ताक पर रखकर कर रहें है अपनी भूमि पर अवैध प्लाटिंग…?

Gajendra Singh
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गत माह बिलासपुर तहसील में एक आर.आई को एक लाख रुपए नकद लेते हुए एसीबी ने ट्रेप किया था जिसमे प्रार्थी शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण के शिकायत के आधार पर उक्त कार्यवाही की गई थी। प्रार्थी शिक्षक के बताए अनुसार उसने सीमांकन में लेट लतीफी के कारण एवम आर.आई के द्वारा ढाई लाख रुपए रिश्वत मांगने के कारण आर.आई को ट्रेप करवाया कार्यवाही के बाद उसने पूर्व पार्षद पर भी आरोप लगाए कि वो उसकी जमीन हथियाना चाहता है ।

उक्त मामले में अभी ताजा खबर यह प्राप्त हुई है कि नगर निगम तोरवा के जोन कमिश्नर द्वारा उक्त शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण और उनके भाई किशोर कुमार तरुण दोनों को अपनी भूमि पर अवैध प्लाटिंग करने का नोटिस जारी किया गया था , दोनों भाई अगर अवैध प्लाटिंग कर निगम को राजस्व क्षति पहुंचाने में लगे हुए हैं दोनों भाई क्योंकि शिक्षा विभाग की नौकरी में शिक्षक पद पर कार्यरत है , जिसमें प्रवीण कुमार तरुण दोमोहनी विद्यालय में शिक्षक वर्ग 2 के रूप में पदस्थ है एवं उसका दूसरा भाई अन्य जिले में शिक्षक के रूप में पदस्थ है।
अब सवाल यह उठता है की सरकारी पद पर रहते हुए नियमों की धज्जियां उड़ाने का अधिकार इन शिक्षकों को किस अधिकारी ने दिया ?

एसीबी में आर.आई संतोष देवांगन को ट्रैप कराने के बाद शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण ने प्रेस क्लब में ईमानदारी के बड़े-बड़े पाठ पढाये की स्कूल के बच्चो को कैसे ईमानदारी का पाठ पढाउ? कैसे पार्षद से अपनी जमीन की रक्षा करूँ?

               अब चुकी खुद इस शिक्षक का नाम अवैध प्लाटिंग में आ रहा है शायद यह भी हो कि भूमि का सीमांकन इसलिए कराना चाह रहा था ताकि अवैध प्लाट जल्दी बिक सके? प्लॉट खरीदने वाले ग्राहक सीमांकित भूमि को सही मानकर भी खरीद लेते हैं?
        उक्त भूमि ग्राम तोरवा खसरा नम्बर 954/1,955 रकबा कुल 80 डिसमिल में से शिक्षक प्रवीण कुमार तरुण ने अवैध प्लाटिंग कर एक टुकड़ा प्रकाश नायक पिता अगस्ति नायक नामक व्यक्ति को बिक्री भी कर दिया है एवं एक अन्य टुकड़ा उमेश्वर राव गेंडेला को भी बिक्री किया है।

क्या बिलासपुर निगम कमिश्नर अमित कुमार इस अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही कर इसकी बिक्री रजिस्ट्री कार्यालय से रुकवा पाएंगे ?

शिक्षक प्रवीण तरुण ने उक्त भूमि पर कच्चा रोड बनाया है एवं 2 टुकड़ो में बिक्री भी की है।

                  उक्त प्रकरण पर शिक्षक प्रवीण कुमार  तरुण से जब बात की गई तो उनके द्वारा जवाब दिया गया कि उक्त भूमि टुकड़ो उनके द्वारा अपने निजी कारणों से केवल 2 टुकड़ो में बिक्री की गई है।

सवाल ये उठता है कि क्या बिलासपुर में अवैध प्लॉटिंग का कार्य कभी रुक पायेगा या खानापूर्ति कर दबिश में ये खेल चलता रहेगा। अब इनको कौन बताए कि जिनके खुद के घर शीशे के होते है वो दुसरों के घर पे पत्थर नही चलाते।

खैर आगे इस भूमि से सबंधित अन्य तथ्यो के साथ एक अन्य खबर जल्द ही।।

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