मुंगेली,
जहाँ विश्व महामारी कोविड-19 के समय में डॉक्टर भगवान रूपी कार्य कर रहे है वही डॉक्टर अपने ए.सी. चेम्बर में बैठे अपने अधिकारियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित भी हो रहे है
हम बात कर रहे है मुंगेली ज़िले के सरगाँव चिकित्सा केन्द्र की जहाँ डॉ. जयंत टोप्पो प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के रूप में विगत 8 वर्षों से पदस्त है, इतने वर्षों से एक ही जगह पदस्त होने के कारण डॉ. टोप्पो ने अपने ऐसे पैर जमा रखा है की उन्हें कोई हटा भी नहीं सकता। इसी का फ़ायदा उठा कर वो अब अपने अधिनसत डॉक्टर एवम कर्मचारियों को अपने मन मुताबिक़ कार्य करवाना चाहते है और जो इनके हिसाब से नहीं चलता उन्हें वेतन रोकने एवम अनुबंधित चिकित्सा अधिकारियों का बॉंड को 2 साल से ज़्यादा बड़ा देने की धमकी दे कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया किया जाता है। आज इसी के ख़िलाफ़ ज़मीनी अस्तर पर स्वास्थ्य सेवा देने वाले चिकित्सा अधिकारियों का सब्र का बाँध टूट गया और सरगाँव सामुदायिक स्वास्त केंद्र के सभी चिकित्सा अधिकारी कलेक्टेर और सी.एम.एच.ओ से लिखित में शिकायत की है। शिकायत में बताया गया है की सिर्फ़ मानसिक प्रताड़ना ही नहीं बल्कि इतने सालो से पैठ जमे होने के कारण सरकार के पैसे का दुरुपयोग भी किया जा रहा है बता दे की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो को सुचारुरूप से चलाने के लिए जीवनदीप समिति का सरकार द्वारा गठन किया गया है जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के छोटे मोटे खर्चो को चलाने के लिए पाँच लाख का सालाना बजट होता है जिसमें दो लोगों का सिग्नेचर अथॉरिटीज़ होता है जो की नियमतः चिकित्सा अधिकारी होना चाहिए परन्तु डॉ. टोप्पो की बात ही निराली है सरगाँव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले सिग्नेचर अथॉरिटीज़ तो खुद डॉ. टोप्पो है परन्तु दूसरा एक नर्सिंग स्टाफ़ रेमिला सोल्मन जो की वहाँ नर्सिंग स्टाफ़ के पद पर पदस्त है उन्हें बनाया गया है जो समझ से परे है। ये साँठ गाँठ सरकार के पैसे के दुरुपयोग के ओर इशारा करता है वरना वही सात सात चिकित्सा अधिकारी के होते हुए भी नर्सिंग स्टाफ़ का सिग्नेचर अथॉरिटीज़ में हो सोचने पे विवश कर देता है ।
बहरहाल इसकी शिकायत माननीय स्वास्थ मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव छत्तीसगढ़ शासन, कलेक्टेर मुंगेली एवम सी.एम.एच.ओ मुंगेली में की गई है देखते है की अब चिकित्सा अधिकारियों को न्याय मिलता है या फिर डॉ. टोप्पो अपनी पैठ जमाने में सफल होते है।