बिलासपुर/छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने जनहित में हड़ताल अचानक खत्म करने का ऐलान किया पता नही ये जनहित है या नॉकरी का डर या फिर कोई प्रलोभन जो कुछ अलग सोचने पर मजबूर करता है पर पिछले 1 महीने से जारी पटवारियों की हड़ताल गुरुवार को बेनतीजा ही खत्म हो गयी जिसकी जानकारी शायद शाम तक हड़ताल पर बैठे कई पटवारियों को भी नही थी।
पिछले 1 महीने से अपनी मांग पर अड़े पटवारियों को अचानक छात्र और किसानों का हित नजर आने लगा। जनहित की बात करते हुए पटवारियों ने अपना हड़ताल खत्म किया है जबकि सरकार के एस्मा लगाने पर भी पटवारियों पर कोई असर नहीं हुआ था। इस हड़ताल से राजस्व का पूरा कामकाज ठप पड़ा था। इन दिनों ना तो सीमांकन हो रहा था और ना ही आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बन रहे थे। स्कूल कॉलेज में प्रवेश के दौरान इससे बड़ी परेशानी होती। 1 दिन पहले ही राजस्व सचिव एन एन एक्का ने कहा था कि अब काम पर नहीं लौटे तो पटवारियों की नौकरी खत्म हो जाएगी। शायद इसका बड़ा असर हुआ और पटवारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी।
ये है एक महीना समय बर्बाद करने वाली वो माँगे जो पूरी न हो सकी
वेतन में बढ़ोतरी,
वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति,
कार्यालय संसाधन और भत्ते की मांग,
स्टेशनरी भत्ता,
दूसरे हल्के का अतिरिक्त प्रभार मिलने पर भत्ते की मांग,
पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग,
बिना विभागीय जांच के पटवारियों पर एफ.आई.आर दर्ज नहीं करने की मांग ।
भगवान ही जाने क्या हुआ है पर शायद डर भय या प्रलोभन का कोई सम्मिलित मिश्रण ही रहा होगा की जो पटवारी पिछले 1 महीने से हड़ताल पर थे वो आज बिना नतीजे के ही जनहित के नाम पर हड़ताल को समाप्त कर दिए।