पचरा रतनपुर पटवारी “अनिकेत साव” रिश्वत की अपनी पहली किश्त 30 हजार लेते फसे…किसान ने ही बनाया वीडियो उच्च अधिकारियों से की लिखित शिकायत

Gajendra Singh
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बिलासपुर/छत्तीसगढ़

यहाँ बिलासपुर जिले के राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार/रिश्वतखोरी बंद होने का नाम ही नही ले रहा है। आप आये दिन सुनेंगे की बिलासपुर राजस्व विभाग का फलाना पटवारी या राजस्व निरीक्षक पैसा लेते पकड़ा गया। क्योंकि यहाँ आज भी बिना पैसा लिए कोई भी काम नही होता।

एक दो महीना पहले जनवरी माह में भी इस तरह का वीडियो राजस्व विभाग से जुड़े कलेक्ट्रेट के पीछे बिलासपुर नकल शाखा के प्रभारी राजेश केशरवानी का वीडियो वायरल हुआ था जिसमे वो रिकॉर्ड देने के एवज में पैसा लेते हुए दिखे थे।
पर कार्यवाही के नाम पे सिर्फ खानापूर्ति हुआ था और उसके जगह पे उनके बाजू में बैठे बाबू को वहाँ से हटाया गया जिनका कोई गलती नही था।
अब अगर उच्च अधिकारी ही कोई कार्यवाही न करे तो कहाँ से खत्म होगा भ्रटाचार। आखिर क्यों दयादृष्टि दिखाई गई राजेश केशरवानी पर जब कि उनके कमरे में दो दो कैमरे लगे है। पर वो आज भी मजे से अपने पैटर्न को थोड़ा चेंज कर काम कर ही रहे है।

खैर हमारा काम है उजागर करना और हम करते भी रहेंगे, जब तक प्रशासन की आँख न खुले

अभी ताजा मामला रतनपुर के हल्का न 2 के पुडु/पचरा ग्राम के पटवारी “अनिकेत साव” का है, जो पट्टा भूमि के एवज में 60000/- की मांग किये थे जिसकी पहली किश्त पटवारी साहब 30000/- लेने गए थे किसान के घर  पर पाशा उल्टा पड़ गया और किसान ने वीडियो बना लिया।

चलिए आपको विस्तार से बताते है

ताजा मामला रतनपुर तहसील के ग्राम पचरा से सामने आया है, जहां एक पटवारी ने भूमि ऑनलाइन दर्ज करने और ऋण पुस्तिका जारी करने के एवज में ₹60,000 की रिश्वत की मांग की। आरोप है कि पीड़ित “केवल दास मानिकपुरी” से पटवारी “अनिकेत साव” ने यह रकम मांगी थी, जिसमें से ₹30,000 नकद लेते हुए उसका वीडियो भी बन गया!

कैसे हुआ खुलासा? केवल दास मानिकपुरी ने बताया कि उनके पिता स्व. दुलमदास को 1984-85 में सरकारी पट्टा मिला था, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट कराने के लिए पटवारी ने पहले तो ₹60,000 की डिमांड रखी और फिर 26 दिसंबर 2024 को ₹30,000 नगद अपने घर पर ले लिया। लेकिन पैसा लेने के बावजूद न तो जमीन का ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट हुआ और न ही ऋण पुस्तिका मिली। जब केवल दास ने दोबारा संपर्क किया, तो पटवारी बहाने बनाकर टालने लगा।

वीडियो क्लिप बनी बड़ा सबूत देखे वीडियो..
पटवारी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए केवल दास ने पूरी योजना बनाई और पैसे के लेन-देन का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। अब यह वीडियो उनके पास एक मजबूत सबूत के तौर पर मौजूद है,जिससे पटवारी की पोल खुल चुकी है।

पीड़ित ने इस पूरे मामले की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी (SDM) कोटा, जिला बिलासपुर को की है और पटवारी पर धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार की कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने अपने ₹30,000 वापस दिलाने की भी गुहार लगाई है।

अब प्रशासन के उच्च अधिकारियों की परीक्षा है।अब  देखना है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है। क्या रिश्वतखोर पटवारी पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा, या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
अगर अब भी ऐसे भ्रष्टाचार कर्मचारियों पे कारवाही नही होती है तो फिर कहाँ सुधर पायेगे बिलासपुर का राजस्व विभाग। ऐसे में तो इसनके हौसले और भी बुलंद होते जाएंगे नकल शाखा के राजेश केशरवानी जी के जैसा?
खैर बिलासपुर में आज भी कुछ उच्च अधिकारी ऐसे है जिनसे उचित कार्यवाही की उम्मीद है बस देखना है कि ये कार्यवाही कब तक होता है।

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