बिलासपुर/ राजस्व विभाग/ नगर निगम
नगर निगम क्षेत्र के ग्राम बिजौर में अवैध प्लाटिंग हेतु शासकीय भूमि पर दिनदहाड़े जेसीबी चला कर रास्ता बनाया जा रहा है ग्राम बिजौर जो बहतराई से लगा हुआ है और ये नगर निगम बिलासपुर की सीमा में आता है उक्त ग्राम में खसरा नंबर 399/1 जो राजस्व अभिलेखों में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है और इस उक्त भूमि में से 5 एकड़ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,बिजौर को आवंटित भूमि है तथा वर्तमान में शासकीय विद्यालय संचालित है उक्त विद्यालय की भूमि में से जमीन दलाल द्वारा रास्ता निकालकर अवैध प्लाटिंग की गई थी पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई या जो कार्रवाई हुई वह खानापूर्ति के तौर पर निगम द्वारा रोड खोद कर की जाती है।
अब स्कूल प्रबंधन द्वारा अपनी 5 एकड़ भूमि पर बाउंड्री वॉल की गई तथा जमीन दलालों द्वारा उक्त रास्ता बंद होने पर स्कूल के बगल से ही बनी पौनी पसारी भवन के बगल से खसरा नंबर 399/1के अंश में से प्रतिदिन जेसीबी चला कर रास्ता बना दिया गया है और यहां क्षेत्र के पटवारी, निगम अधिकारी, कर्मचारी आंख मूंद कर बैठे हुए हैं? विगत एक सप्ताह से उक्त सरकारी भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर्ता सड़क बना रहे हैं फिर भी कैसे निगम अधिकारी कर्मचारी की नजर उन पर नहीं पड़ी यह सोचने का विषय है। और तो और प्लाटिंग करने वालों द्वारा खसरा नंबर 394/2 को विभिन्न टुकड़ों में कर विगत तीन वर्षों से बिक्री भी करते आ रहा है ।
टीएनसी कॉलोनी के भूमिस्वामियो द्वारा तहसीलदार से अनुमति लेकर शासकीय भूमि से रास्ता निकालने पर कलेक्टर करवाई तो कर रहे हैं लेकिन अवैध प्लाटिंग करने वाले जो बिना अनुमति के रास्ता निकाल रहे हैं इस पर कोई कार्रवाई सुनाई में नहीं पड़ती है? अब इनके देखा देखी और कई जमींन दलाल शासकीय भूमि पर रास्ता निकालकर अवैध प्लाटिंग कर देंगे और निगम और राजस्व विभाग यूं ही आंखे मूंदे रहेगा इसमें कोई दो राय नहीं है।
394/2 राजस्व अभिलेखों में शिवकुमार सिंह पिता श्याम देव सिंह के नाम दर्ज है और उनके द्वारा कई टुकड़ों में अवैध प्लाटिंग कर निगम को और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है फिर भी निगम और विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
क्या जब हम पत्रकारों को इस ओर ध्यान जा सकता है तो इस विभाग से जुड़े राजस्व विभाग और निगम का ध्यान इस ओर क्यों नही जाता या फिर ये देखना नही चाहते, क्यों किसी के शिकायत या खबर लिखने का इंतजार करते है। एक हल्के में राजस्व विभाग एक पटवारी को बैठता है जबकि वो पटवारी अपने अंदर नियम विरुद्ध भी 2 से 3 कर्मचारी रखता है, और बिजौर जैसे हल्के में तो कोटवार भी है फिर भी पटवारी साहब का ध्यान नही गया और दिनदहाड़े सड़क से लगे सरकारी भूमि पर अवैध प्लाटिंग करने वाले बेधड़क रास्ता निकाल ले रहे है। ये हो ही नही सकता कि पटवारी का इस ओर ध्यान न गया हो और उसके बाद भी अगर वो चुप है और इसकी कोई शिकायत नही कर रहे है ये सोचनीय है। और अगर पटवारी साहब का ध्यान किसी कारणवश अगर नही गया तो फिर ये उज़के कार्य के प्रति लापरवाही को क्या नही दर्शाता है। जहाँ एक ओर बिलासपुर कलेक्टर राजस्व को सुधारने में लगे है वही विभाग के दूसरे कर्मचारियों द्वारा ये लापरवाही समझ से परे है।
क्या इस रास्ते के लिए राजस्व विभाग से अनुमति मिली है अगर हाँ तब तो ठीक है और अगर नही मिली है फिर इसका जवाबदेही कौन?
खैर अब देखना ये है कि इस पर अब भी कार्यवाही होता है या नही?