विगत 10 दिन पूर्व हुए पटवारियों के ट्रांसफर कुछ पत्रकार साहब को ना-गवार गुजरा तो उन्होंने ऐसी खबरें अपने वेब पोर्टल में चलाना चालू कर दी जिसका तथ्यों के साथ कोई सरोकार नही, उक्त पत्रकार महोदय द्वारा भयादोहन या कहे अपने वसूली अभियान के तहत निराधार खबरों से कर्मचारी अधिकारियों को परेशान करने के सिवा कोई अन्य चीजें करता, कल दिनांक को उनके पोर्टल से एक खबर प्रकाशित हुई
जिसके अनुसार बहतराई पटवारी अनिल डोडवानी को बिलासपुर एसडीएम द्वारा उन पर मेहरबानी कर उन्हें हल्के से स्थानन्तरित नही किया जबकि तथाकथित पत्रकार महोदय को तथ्यों का पता ही नही है कि उक्त आदेश मुख्यमंत्री के ढाई वर्ष से एक ही जगह पे जमे कर्मचारियों को हटाने का था एसडीएम द्वारा निकाले गए आदेश में कुल 31 पटवारियों का ट्रांसफर किया गया तथा शेष 16 पटवारियों का ट्रांसफर नही किया गया क्योंकि उक्त पटवारी ढाई वर्ष के मापदंडों के अंदर नही थे।
मीडिया में एक विशेष पोर्टल द्वारा पटवारी अनिल डोडवानी के बारे में लिखा गया कि राजस्व मंत्री महोदय द्वारा उन्हें किसी पुराने प्रकरण में निलंबित करने का आदेश दिया है ।
उक्त बातों पर हमारे विशेष खोजबीन से पता चला कि मंत्री महोदय द्वारा किसी भी प्रकरण में पटवारी अनिल डोडवानी को निलंबित करने कभी नही कहा मंत्री महोदय के कहे अनुसार अधिकरियों द्वारा जांच कर उचित कार्यवाही करने की बात की गई थी। जिसकी जांच पर पटवारी के खिलाफ कोई दस्तावेज प्राप्त नही हुए।
पूरा प्रकरण ग्राम बहतराई से सम्बंधित है जिसमे एक भू माफिया द्वारा ग्राम की एक भूमि खसरा नम्बर 310/2 जिसका सन 1982 में अधिग्रहण किया गया था परंतु सन 2021 तक राजस्व अभिलेख अद्यतन नही थे जो तत्कालीन राजस्व विभाग की है खसरा में कैफियत कॉलम या कही भी सड़क दर्शित नही थी इसका फायदा उठाते हुए भू माफिया उक्त भूमि अपने नाम रजिस्ट्री करा ली और उसे सड़क के बगल में बिठा दिया । भू माफिया बहतराई में नए पटवारी अनिल डोडवानी की जानकारी के अभाव में उक्त कार्य किया । इस प्रकरण में कही भी पटवारी की संलिप्तता नही थी । जबकि उक्त बात की जानकारी होने पर पटवारी द्वारा उक्त विवादित भूमि का नामान्तरण खारिज करवाने पुनर्विलोकन के लिए स्वयं पत्र लिखकर अपने उच्चाधिकारियों को प्रेषित किया इस प्रकार तथाकथित पत्रकार महोदय द्वारा पटवारी अनिल डोडवानी की छवि खराब की जा रही है । पूरे प्रकरण की संबंधित दस्तावेज हमारे द्वारा अलग से प्रकाशित किए जा रहे हैं उक्त प्रकरण में एसडीएम द्वारा नोटिस देने के बाद पटवारी द्वारा उचित जवाब दिया गया गया एसडीएम जवाब तथा दस्तवेजो से सहमत होकर उक्त नामान्तरण के पुनर्विलोकन का आदेश दे दिया गया आप इस खबर के साथ प्रकरण संबंधी दस्तावेज नीचे देख सकते हैं
हमारी खबरों के साथ बने रहिए और आगे खुलासा करेंगे कि कौन है वह पूर्व नायब तहसीलदार बिलासपुर एवम वर्तमान अन्य जिले में पदस्थ तहसीलदार पत्रकार के माध्यम से राजस्व विभाग की छवि खराब कर रहा है?