छत्तीसगढ़, राजस्व विभाग
छत्तीसगढ़ में राजस्व विभाग का चर्चित सॉफ्टवेयर भुईयां जब से बना है जब से आए दिन तूने कुछ खराबी या गड़बड़ होती रहती है एनआईसी द्वारा बनाया गया भुइयां सॉफ्टवेयर में न्यालयल द्वारा किये गए आदेशो को दुरुस्ती करने की प्रक्रिया खत्म कर दिया गया है जिससे न्यायालय द्वारा किए जाने वाले आदेश दुरुस्त नहीं हो पा रहे हैं ।
भुइँया सॉफ्ट वेयर जब से बना है जब से नित प्रतिदिन नए प्रयोग एनआईसी द्वारा किए जा रहे हैं और महत्वपूर्ण बात यह है एनआईसी द्वारा इस संबंध में कोई सूचना राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को नहीं दी जाती है यहां तक की इस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग मामूली तौर पर दी जाती है जिससे राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है तथा विभिन्न कृषक भूमि स्वामी अपना आदेश होने के बाद भी दुरुस्ती नहीं करवा पा रहे हैं पूरे प्रदेश में हजारों ऐसे आदेश लंबित है जिसकी जानकारी आपको आप हमारे अगले खबर में बताई जाएगी वही तहसीलदारों एवं पटवारियों द्वारा इस बात की सूचना में दी गई है कि भुइयां सॉफ्टवेयर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन किए जा रहे हैं जो कि कृषक एवं भूमिस्वामी विरोधी है।
अभी हाल ही में सॉफ्टवेयर की एक बहुत बड़ी गड़बड़ी सामने आई थी जिसमें पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश का रकबा 0.01 38 हो गया था आनन-फानन में एलआईसी द्वारा सुधार किया गया इसके अलावा कई ग्रामों के नाम अपने आप परिवर्तन हो गए थे जैसे कौवाताल गांव का नाम कुए का पैर दिखा रहा था जो अपने आप में “हास्यास्पद” है इतना बड़ा सॉफ्टवेयर जिससे प्रतिदिन कृषकों का काम रहता है उपयुक्त सॉफ्टवेयर इस तरह की गड़बड़ी होना विभिन्न किसानों के साथ छेड़छाड़ है विभिन्न कृषक अपना आदेश दुरुस्त ना होने के कारण बहुत परेशान है तथा शासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है यहां तक की राजस्व मंत्री के संज्ञान में ऊक्त चीजें हैं फिर भी कोई आवश्यक सुधार इस सॉफ्टवेयर में नहीं हो पा रहा है
Nic का एक और कारनामा भुइयां में multitasking को बंद कर दिया है मतलब अब एक साथ एक से अधिक tab open नहीं कर सकते । एक समय में एक ही पेज में काम कर सकते है।कोई भी menu में right click नहीं हो रहा है। साथ में किसी भी अक्षर को कॉपी पेस्ट नही किया जा सकता
पटवारियों द्वारा अभी हाल ही में भुइँया सॉफ्टकेयर के विरोध में पांच दिवसीय हड़ताल किया गया उसके बाद भी शासन द्वारा कोई सुधार सॉफ्टवेयर में नहीं किया गया है अब देखते हैं शासन किसानों के हित के लिए क्या कार्रवाई करती हैं।