आरटीई के तहत चयन प्रक्रिया में दस्तावेजों की बारीकी से जांच के निर्देश
कलेक्टर ने ली प्राचार्यों की बैठक
क्या शिक्षा के नाम पे होते व्यापारीकरण पे लग पायेगा रोक?
बिलासपुर, 04 अप्रैल 2024/कलेक्टर अवनीश शरण ने आरटीई के तहत जिले के अशासकीय विद्यालयों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी, स्वामी आत्मानंद स्कूल, डीएव्ही मुख्यमंत्री स्कूलों के प्राचार्यों, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और विकासखंड स्त्रोत समन्वयकों की बैठक प्रार्थना भवन में ली। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि पालकों को स्कूल गणवेश और पाठयपुस्तक किसी दुकान विशेष से लेने के लिए कोई भी संस्थान बाध्य नहीं करेगा। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले स्कूल भवन मरम्मत के कार्य जो पहले से शुरू हो चुके है, वे हरहाल में पूरा कर लिया जाए।
बैठक में बताया गया कि आरटीई के तहत वर्ष 2024-25 में 551 अशासकीय विद्यालयों में लगभग 4 हजार 535 सीटों पर प्रवेेश लिया जाना है। छात्रों द्वारा 15 अप्रैल तक ऑनलाईन आवेदन किया जाना है। कलेक्टर ने सभी नोडल अधिकारी (प्राचार्य) को निर्देश दिए कि दस्ताबेजों की बारीकी से जांच कर सत्यापन करें। योजना के संबंध में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए। अपूर्ण भरे गए आवेदन की सूचना अनिवार्य रूप से दें। बच्चों के चयन में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। किसी भी विद्यालय में आरटीई के तहत सीट रिक्त न रहे इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाया जाए। कलेक्टर ने ऑनलाईन लॉटरी के द्वारा चयनित बच्चों तक प्रवेश की सूचना अनिवार्यतः भेजने के निर्देश दिए। बैठक में इसी प्रकार जिले में संचालित 34 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश की भी जानकारी दी गई। सेजेस पोर्टल में ऑनलाईन प्रवेश के लिए आवेदन करने की तिथि 10 अप्रैल से 5 मई तक निर्धारित की गई है। अधिक आवेदन होने की स्थिति में लॉटरी के माध्यम से सीटों का आबंटन किया जाएगा। प्रवेश की अन्य आवश्यक कार्यवाही 11 मई से 15 मई 2024 तक पूरी कर ली जाएगी। स्वामी आत्मानंद स्कूल में ऑफलाईन एवं ऑनलाईन दोनों माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। इसी प्रकार जिले में संचालित 4 डीएव्ही मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूलों की भी जानकारी दी गई।
बिलासपुर कलेक्टर महोदय क्या शिक्षा के नाम पे होते व्यापारीकरण पे कोई रोक नही लगा सकते ?
आज की बैठक में आरटीआई के लिए इस फैसले से थोड़ी उम्मीद तो जरूर जागी है कि शायद आम जनता को भी राहत मिलेगी।
आज के समय मे शिक्षा एक व्यापार का क्षेत्र बन के रह गया है, यहाँ हर एक दो साल में लगभग हर अशासकीय स्कूलों में फीस की बढ़ोतरी होते रहते। साथ ही साथ सभी अशासकीय स्कूलों में किताबों की दुकान और स्कूल ड्रेस का दुकान फिक्स रहता है ताकि कमीशन का खेल फलता फूलता रहे। और जो दुकान इनके द्वारा फिक्स किया गया है उसके सिवाय आपको ये किताबे या ड्रेसेस आपको कही मिलेगा भी नही। जिसका सीधा असर अभिभावकों पर पड़ता है।
क्या इसमे कोई रोक नही लगाया जा सकता ?
क्या इनके लिए कोई शिक्षानीति नही बनी ? जिससे आज के बढ़ते शिक्षा के व्यापारीकरण पे लगाम नही लगाया जा सके।
कलेक्टर ने दिलाई मतदाता शपथ –
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश शरण ने बैठक में मौजूद सभी लोगों को लोकसभा निवार्चन सहित अन्य निर्वाचनों में अपने मताधिकार का शत प्रतिशत उपयोग करने की शपथ दिलाई।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत आरपी चौहान, स्कूल शिक्षा विभाग के एडीपीओ अनिल तिवारी, सहायक संचालक पी दासरथी,अजय कौशिक, एपीसी रामेश्वर जायसवाल, सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य एवं डीएव्ही मुख्यमंत्री स्कूल के प्राचार्य मौजूद थे।