बिलासपुर/ विगत 8 जुलाई से छत्तीसगढ़ पटवारी संघ की हड़ताल जारी है यूं तो पटवारी संघ ने 32 मांगे रखी हैं लेकिन आइए जानते हैं कि ऐसी कौन सी मांगे हैं जिनके कारण उन्हें विभिन्न राजस्व कार्यो को करने में अत्यंत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है :-
1:- राजस्व पटवारी संघ की मुख्य मांग विभिन्न राजस्व अभिलेखों के संधारण हेतु एवं भुइयां सॉफ्टवेयर में विभिन्न कार्य हेतु लैपटॉप प्रिंटर एवं इंटरनेट भत्ते की मुख्य मांग है, पूरे प्रदेश में किसी भी पटवारी को आज दिनांक तक किसी भी शासनकाल ने ना तो कंप्यूटर एवं प्रिंटर दिया है और ना ही उन्हें इंटरनेट हेतु कोई भत्ता प्रदान किया जाता है, लगभग 6000 की संख्या में पूरे प्रदेश में पटवारी हैं तथा सभी पटवारी द्वारा निजी व्यय 35000 से 40000 का लैपटॉप लिया जाता है तथा 15000 से ₹20000 का प्रिंटर अपने स्वयं के वेतन से लिया जाता है तथा भुईया सॉफ्टवेयर में रिकॉर्ड दुरुस्ती नामांतरण आदि सभी कार्य हेतु इंटरनेट की जरूरत पड़ती है इसके लिए भी व्यय पटवारी स्वयं की जेब से करते हैं पिछले शासन में भी पटवारी द्वारा उक्त महत्वपूर्ण मांगे हेतु हड़ताल की गई थी परंतु आश्वासन देकर सरकार ने हड़ताल खत्म करवा दी उसके बाद अपने आश्वासन को सरकार भूल गई और फिर वर्तमान में पटवारी द्वारा नई सरकार में भी उक्त संसाधन उपलब्ध कराने हड़ताल की गई है ऐसा नहीं है कि केवल पिछले कांग्रेस शासन काल में ही उक्त मांगे मांगी गई थी बल्कि रमन सिंह की सरकार में भी संसाधन हेतु पटवारीयो ने अर्जी लगाई थी लेकिन उसे तत्कालीन सरकार ने भी किसी प्रकार की कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए ।
2:- दूसरी महत्वपूर्ण मांग पटवारीयो द्वारा पटवारी कार्यालय की है लगभग सभी पटवारी कार्यालय या तो किराए के मकान में चलाए जा रहे हैं या ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत कार्यालय में पटवारी बैठकर राजस्व संबंधी कार्य करने के लिए मजबूर है, उक्त कार्यालय हेतु भी पटवारी द्वारा स्वयं के वैसे किराया चुकाया जा रहा है एक ग्रामीण पटवारी कि अगर मजबूरी जाने तो प्रतिदिन वह गांव अपने हल्के के राजस्व अभिलेख लेकर जाता है और फिर वापस लेकर अपने साथ इतने भारी भरकम रिकॉर्ड को आता है ,क्योंकि उक्त राजस्व अभिलेख गोपनीय होते हैं तथा उनकी पूरी जिम्मेदारी पटवारी पर रहती है तो पंचायत भवन में उक्त राजस्व अभिलेखों को रखना किसी खतरे से खाली नहीं है
3:- इसके इसके अतिरिक्त बाकी मांगों में भुईया सॉफ्टवेयर में आवश्यक सुधार हेतु अधिकतम मांगे हैं क्योंकि भुइयां सॉफ्टवेयर लागू हुआ है तब से कई तकनीकी खराबियां इसमे देखी गई है एनआईसी द्वारा संचालित उक्त सॉफ्टवेयर में आए दिन गड़बड़ी सामने आती है किसी के भी रिकॉर्ड विलोपित हो जाना किसी के भी रिकॉर्ड परिवर्तन हो जाना आदि सभी इसकी खामियां हैं।
सरकार अगर इन जायज मांगो को मान ले तो शासन को कितना ही अतिरिक्त व्यय आएगा?
सरकार 1 लाख आवास बनाके दे सकती है तो क्या 6000 कार्यालय बनाकर पटवारियों को देने में क्या दिक्कत है?
सरकार जब मुफ्त मोबाइल बाट सकती है तो पटवारियों को 6000 लैपटॉप देने में क्या दिक्कत?
सरकार इन मांगो पर विचार करे अन्यथा राजस्व कार्य तो प्रभावित हो ही रहा है तथा पटवारियों की अनुपस्थिति से राजस्व पखवाड़ा का कोई भी अर्थ नही निकल रहा।