रात में भोजपुरी टोल प्लाजा में आर टी ओ की अवैध वसूली का खेल, फल और सब्जी तक का हो रहा है वसूली

Gajendra Singh
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जहाँ एक ओर बिलासपुर कलेक्टर भ्रष्टाचार को रोकने में लगे है खनिज एवं आर टी ओ विभाग को अवैध परिवहन पर कार्यवाही करने को बोल रहे है वही बिलासपुर शहर से लगे सीमा पर आर टी ओ अपना वसूली का खेल ऐप के माध्यम से खेल रहा है।
हुआ यूँ की कल रात लगभग 11.30 बजे भोजपुरी टोल प्लाजा के पास आर टी ओ विभाग के उड़नदस्ता निरीक्षक महेश साहू जी के सानिध्य में जाँच चल रहा था गाड़ियों की लंम्बी कतार लगी थी रुककर पूछने पर पता चला कि ओवरलोड,मैकेनिकल और विभिन्न जांच चल रहा है।

कल रात के घटना का विवरण

नाम न बताने पर रायपुर से बिहार जा रही फल से भरा पिकअप गाड़ी नंबर CG 04 NM 6804 का ड्राईवर ने कहा कि उसकी गाड़ी में ओवरलोड है उसके बदले में 42000/- और एक पेटी अमरूद गाड़ी से उतार कर देने को बोला गया। वही दूसरी तरफ टमाटर से भरी पिकअप गाड़ी नंबर CG12 BG 6748 का ड्राइवर ने बताया कि उसकी गाड़ी में सब्जी है और वो भी ओवरलोड है जो लोकल में ही छोड़ना है पर उनसे 2000/- का माँग किया गया है ओवरलोडिंग के नाम पर। वही अन्य गाड़ियों से मैकेनिकल के नाम पे भी 2000/- से 2500/- का मांग किया जा रहा था 12 चक्का जैसे गाड़ियो से।

खबर लिखे जाने तक जब आर टी ओ निरीक्षक महेश शर्मा से आज इस विषय पर जानकारी के लिए फ़ोन लगाया गया तो निरीक्षक महोदय कॉल रिसीव नही कर रहे थे।

क्या यही काम के लिए आर टी ओ विभाग को रखा गया है ताकि वो अवैध वसूली के साथ साथ घर के लिए फल और सब्जी की भी वशूली करे।

निरीक्षक महेश साहू के उपस्थिति में ही ये सब कारनामा चल रहा था फिर 12.30 के लगभग निरीक्षक साहब घर के लिए निकल गए। ऐसा लगा मानो उनका आज का कोटा पूरा हो गया हो।

हद है भ्रष्टाचार का जिस हिसाब से इनकी अवैध वसूली चल रहा था उस हिसाब से तो इनकी आय का हम और आप हिसाब भी नही लगा सकते।

ऐप के द्वारा ओवरलोड बुकिंग का प्रक्रिया

वही कुछ ड्राइवरों से पूछने पर पता चला कि वो ओवरलोड का मंथली पैसा जमा करते है जो महीने के 01 तारीख से 05 तारीख के बीच मे जमा करना होता है उसके पश्चात महीने भर ओवरलोड चलाते है। ओवरलोड का मंथली जमा करने पर उनको क्या रोका नही जाता या कैसे निकलते है पूछने पर पता चला कि वो बिलासपुर के चिल्हाटी रोड स्थित उड़नदस्ता के ऑफिस में पैसा जमा कर देते है और अपनी गाड़ी नंबर को वहाँ लिखवा देते है उसके पश्चात महीने भर में जब भी गाड़ी को रोक जाता है तो वो जांच में लगे आर टी ओ विभाग के कर्मचारी को अपना गाड़ी नंबर बताते है फिर आर टी ओ का कर्मचारी उन लोगो के द्वारा बनाये गए किसी ऐप में गाड़ी नंबर डाल कर देखा जाता है यदि वो उस महीने का पैसा जमा कर दिए है तो उनका गाड़ी नंबर उस ऐप में दिख जाता है और फिर उसको जाने दिया जाता है।

मतलब आप समझ सकते है कि ये कितना बड़ा खेल चल रहा है। और यही नही ये ऐप पूरे छत्तीसगढ़ के लिए बना है आप बिलासपुर से अवैध ओवरलोड का पैसा जमा कर जिस जिले में ओवरलोड चलाना चाहते है वहाँ चला सकते है यहाँ हर जिले का गाड़ी के चक्के के हिसाब से पैसा फिक्स है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं संबंधित विभाग के मंत्री को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इनकी अवैध वसूली का असर आम जनता पर भी पड़ता है क्योंकि ट्रांसपोटर्स इस धनराशि का वसूली किराया बढ़ा कर करता है और उसका असर आम जनता को व्यापारी द्वारा सामानों की मूल में वृद्धि कर बेचने से पड़ता है।

आगे की खबर में देखेंगे कि ओवरलोड का चक्के के हिसाब से किस गाड़ी का क्या है जिलेबार मंथली चार्ज, रेटलिस्ट के साथ।

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