
दरअसल पूर्व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 14 से 27 प्रतिशत करने का विधेयक पारित किया गया था, जिसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था, ऊक्त आदेश पर रोक हटाने हेतु सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
अतः इस प्रकार सरकारी नोकरियो में ऊक्त आदेश उपरांत मध्यप्रदेश में 50 प्रतिशत आरक्षण जारी रहेगा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को न्यायसंगत नही माना है।
ऊक्त आदेश को अब छतीसगढ़ में बढाये गए आरक्षण के लिए मिल का पत्थर माना जा रहा है, छतीसगढ़ की तत्कालिक सरकार ने आरक्षण 76 प्रतिशत कर दिया है जिस पर अभी राज्यपाल ने हस्ताक्षर नही किये हैं। यदि राज्यपाल हस्ताक्षर कर भी देती है तो सामान्य वर्ग हेतु न्यायपालिका के द्वार खुले हुए हैं ।
हाईकोर्ट द्वारा 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक माना है परंतु सरकार द्वारा 76 प्रतिशत आरक्षण कर दिया जो न्यायपालिका में नही टिकेगा और आखिर में सुप्रीम कोर्ट के ऊक्त निर्णय के आधार पर आरक्षण को जातिगत आधार से जनसंख्या के आधार पर करने को न्यायसंगत नही माना जायेगा ।