रायगढ़/छत्तीसगढ़
भवन नियमितीकरण से 65 लाख रुपए राजस्व की हुई आय
भवन नियमितीकरण के लिए अब तक 3002 को नोटिस
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में हर 15 दिनों में होती है समिति की बैठक
907 आवासीय और 53 कमर्शियल के लिए किया गया आवेदन
समिति द्वारा किया गया अब तक 297 भवन का नियमितीकरण
रायगढ़। शासन के अवैध भवन निर्माण नियमितीकरण नियम 2022 के तहत निगम प्रशासन द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। इसी का नतीजा रहा कि अब तक 297 भवन नियमितीकरण से करीब 44 लाख रुपए अधिरोपित राजस्व की आय हुई है। हर महीने के 15-15 दिनों में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में नियमितीकरण समिति की बैठक कलेक्टोरेट में होती है, जिसमें प्राप्त आवेदनों की जांच की जाती है और पात्र आवेदनों को नियमितीकरण के लिए अनुशंसित की जाती है।
निगम कमिश्नर संबित मिश्रा के निर्देशन पर लगातार अवैध भवनों के नियमितीकरण पर नोटिस और कार्यवाही की जा रही है। शहर के अधिकांश नक्शा के अनुसार अवैध भवनों के 3002 भवन मालिकों को नोटिस जारी कर भवन नियमितीकरण कराने की हिदायत दी गई है। नोटिस मिलने के बाद भी तय समय पर भवन नियमितीकरण नहीं कराने वालों के खिलाफ शासन की गाइडलाइन अनुसार कमर्शियल भवनों को सील करने और आवासीय भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में शहर के व्यावसायिक संगठनों द्वारा समय की मांग कर नियमानुसार जल्द ही नियमितीकरण कराने की बात कही गई थी। वर्तमान की स्थिति में व्यवसायिक संगठनों द्वारा हर रोज भवन नियमितीकरण के लिए आवेदन निगम कार्यालय में प्रस्तुत किया जा रहा है। इसीतरह आवासीय भवनों के मालिकों द्वारा भी हर रोज भवन नियमितीकरण नियमानुसार नियमितीकरण कराने नगर निगम के भवन विभाग में आवेदन जमा किया जा रहा है। आवेदन लेने के उपरांत भवन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा राजपत्र में प्रकाशित भवन नियमितीकरण गाइडलाइन जून 2022 के अनुसार प्रस्तुत आवेदनों की अच्छी तरह से जांच की जाती है, यदि आवेदनों में कुछ कमियां रहती है तो उसे बताकर आवेदनकर्ताओं को दसवेज पूर्ण करने संबंधित जानकारी दी जाती है। शासन की गाइडलाइन अनुसार पूर्ण आवेदन ही निगम प्रशासन के भवन विभाग द्वारा स्वीकार किए जा रहे हैं। नियमानुसार पूर्ण आवेदनों एवं अधिरोपित राशि जमा करने पर ही नियमितीकरण समिति द्वारा आवासीय एवं गैर आवासीय कमर्शियल भवनों को नियमितीकरण करने की अनुशंसा की जा रही है। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता में भवन नियमितीकरण समिति की बैठक हर 15 दिनों में यानी महीने में दो बार होती है, जिसमें निगम द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय को प्रेषित आवेदनों को रखा जाता है और 120 वर्ग मीटर से ज्यादा के बहन निर्माण पात्र आवेदनों को अधिरोपित राशि के साथ नियमितीकरण की अनुशंसा की जाती है।
40 करोड़ रुपए से ज्यादा की होगी राजस्व आय
निगम की राजस्व सर्वे अनुसार वर्तमान में निगम के सभी 48 वार्डों में 42 हजार 556 मकान और कमर्शियल भवन निर्मित हैं। इसमें 120 वर्ग मीटर यानी 1290 स्क्वेयर फीट के भवन को नियमितीकरण अधिरोपित राशि में छूट है। 120 वर्ग मीटर से कम के भवन मालिकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। एक्सपर्ट के अनुमान के अनुसार शहर में 4 हजार से जायदा आवासीय और कमर्शियल भवन अवैध हैं, जो 120 वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि पर भवन अनुज्ञा और नक्शा के हिसाब से अवैध तरीके से निर्मित किए गए हैं। इस हिसाब से यदि सभी अवैध भवनों का नियमितीकरण हो जाए तो एक अनुमान के मुताबिक 40 करोड़ से ज्यादा की राजस्व आय होगी।
दस्तावेजों को सही करने आर्किटेक्ट की लगाई गई ड्यूटी
निगम कमिश्नर संबित मिश्रा के निर्देश पर निगम प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर अवैध भवनों का सर्वे करा कर उन्हें नियमितीकरण आवेदन उपलब्ध कराया गया। इस दौरान उन्हें नियमितीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों की भी जानकारी दी गई। अधिकांश लोगों ने दस्तावेजों के साथ आवेदन निगम कार्यालय में प्रस्तुत किया कैसे। जिन्होंने दस्तावेजों के अभाव में आवेदन नहीं किया ऐसे लोगों के आवेदन को सही करने और सहयोग करने के लिए निगम प्रशासन द्वारा आर्किटेक्ट की ड्यूटी लगाई गई है, जो लोगों से संपर्क करें उनकी दस्तावेज सही करने और दस्तावेज जमा लेने का कार्य कर रहे हैं।
हर हफ्ते होती है समीक्षा
निगम कमिश्नर संबित मिश्रा द्वारा टी एल की बैठक में तो हर सप्ताह भवन नियमितीकरण की स्थीति की समीक्षा की जाती है। इसके अलावा हफ्ते में एक दिन भवन विभाग के अधिकारियों और आर्किटेक्ट की बैठक लेकर भवन नियमितीकरण की समीक्षा की जाती है। प्रति सप्ताह नोटिस और प्राप्त आवेदनों की जानकारी ली जाती है। कमिश्नर संबित मिश्रा ने शासन की महत्वपूर्ण योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने, नियमितीकरण कार्य को मिशन मोड पर तय लक्ष्य के अनुसार करने के निर्देश दिए गए हैं।
नियमितीकरण के लिए या दस्तावेज है जरूरी
अवैध मकान एवं कमर्शियल भवनों के नियमितीकरण के लिए भूमि स्वामित्व दस्तावेज बी1 पी2 खसरा बटाकर या शासन स्थानीय प्राधिकारी या संवैधानिक निकाय द्वारा आवंटित पट्टा विलेख, भवन का निर्माण अधिसूचित तिथि 14 जुलाई 2022 के पूर्व होने का प्रमाण यथा बिजली बिल संपत्ति कर की प्रति, भवन अनुज्ञा की प्रति यदि हो तो, विकास योजना अधिकृत वर्तमान भूमि उपयोग मानचित्र अनुसार उपयोग प्रमाण पत्र, गैर लाभ अर्जन संस्थान चिकित्सालय, शैक्षणिक संस्थान, धर्मशाला अन्य की स्थिति में गैर लाभ अर्जन संबंधी अधिकारी का प्रमाण पत्र, भवन का चारों ओर से फोटोग्राफ, बहुमंजिला भवन के लिए परीक्षण स्ट्रक्चर रिपोर्ट, अग्निशमन व्यवस्था की रिपोर्ट, भवन का स्थल मानचित्र, शपथ पत्र अ एवं ब, वर्तमान में निर्मित भवन के मानचित्र की 5 प्रतियां यह सभी दस्तावेजों के साथ ही तय फॉर्मेट के आवेदन पत्र को भरकर निगम कार्यालय में नियमितीकरण के लिए आवेदकों को जमा करना होगा।